दशहरे के दिन पान खाना का भी महत्व है। इस दिन पान का सेवन जरूर करना चाहिए। दरअसल, शास्त्रों में पान को बहुत ही शुभ माना गया है। पान खाने से सुख समृद्धि बनी रहती है। इसलिए इस दिन पान का सेवन जरूर करें।
Conflicts, arguments& envy make the atmosphere in the house pretty harmful. To cast off enmity, jealousy or harshness in order to convey joy within the relatives, do the subsequent totka.
शनिवार की शाम को माह (उड़द) की दाल के दाने पर थोड़ी सी दही और सिंदूर डालकर पीपल के नीचे रख आएं। वापस आते समय पीछे मुड़कर नहीं देखें। यह क्रिया शनिवार को ही शुरू करें और ७ शनिवार को नियमित रूप से किया करें, धन की प्राप्ति होने लगेगी।
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३. शुक्र्वार की रात को सवा किलो काले चने भिगो दें ! दूसरे दिन शनिवार को उन्हें सरसों के तेल में बना लें ! उसके तीन हिस्से कर लें ! उसमें से एक हिस्सा घोडे या भैंसे को खिला दें !
तंत्र-मंत्र और टोने-टोटके से बचने के लिए आम जीवन की रोजमर्रा की कुछ वस्तुओं को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। घर की खुशियों पर अक्सर किसी की काली नजर लग जाती है और नतीजे में कोई बीमार हो जाता है, किसी प्रकार की हानि होती है। लेकिन चिंता की कोई बात नहीं।
हमारे यहाॅ कुछ ऐसे टोटटे बताये गये है जिनको करने से अपने परिवार सभी लोगों की हेल्थ रहती है। ध्यान रखें की टोटको के साथ साथ किसी अच्छे डाॅक्टर से दवाई लेना अनिवार्य है।
चक्की पर गेहूं पिसवाने जाते समय तुलसी के ग्यारह पत्ते गेहूं में डाल दें। एक लाल थैली में केसर के २ पत्ते और थोड़े से गेहूं डालकर मंदिर में रखकर फिर इन्हें भी पिसवाने वाले गेंहू में मिला दें, धन में बरकत होगी और घर में स्थ्रि लक्ष्मी का वास होगा। आटा केवल सोमवार या शनिवार को पिसवाएं।
घर में सुबह-शाम कपूर जलाएं. इससे सदैव सुगंधित रहता है और नकारात्मकता घर में प्रवेश नहीं करती.
फिटकरी का टुकड़ा एक कटोरी में रखकर बाथरूम में रख दें और उसको हर महीने ध्यान से बदलते रहें। ऐसा करने से पारिवारिक सदस्यों की उन्नति होगी और आरोग्य की प्राप्ति होगी। साथ ही फिटकरी नकारात्मक ऊर्जा को अपने अंदर समाहित कर लेती है, ऐसा करने से धन वृद्धि के योग बनते हैं और अटके हुए धन की प्राप्ति होती है।
इस उपाय से चंद्रमा की स्थिति होगी मजबूत
इसके बाद इस पानी से स्नान किया जाता है. स्नान करने से वस्तु का प्रभाव व्यक्ति पर प्रत्यक्ष more info रुप से पडता है. तथा शुक्र के दोषों का निवारण होता है.
‘लाल किताब’ ज्योतिर्विद्या की एक स्वतन्त्र और मौलिक सिद्धान्तों पर आधारित एक अनोखी पुस्तक है। इसकी कुछ अपनी निजी विशेषताएँ हैं, जो अन्य सैद्धान्तिक अथवा प्रायोगिक फलित ज्योतिष-ग्रन्थों से हटकर हैं। इसकी सबसे बड़ी विशेषता ग्रहों के दुष्प्रभावों से बचने के लिए जातक को ‘टोटकों’ का सहारा लेने का संदेश देना है। ये टोटके इतने सरल हैं कि कोई भी जातक इनका सुविधापूर्वक सहारा लेकर अपना कल्याण कर सकता है। काला कुत्ता पालना, कौओं को खिलाना, क्वाँरी कन्याओं से आशीर्वाद लेना, किसी वृक्ष विशेष को जलार्पण करना, कुछ अन्न या सिक्के पानी में बहाना, चोटी रखना, सिर ढँक कर रखना इत्यादि। ऐसे कुछ टोटकों के नमूने हैं, जिनके अवलम्बन से जातक ग्रहों के अनिष्टकारी प्रभावों से अनायास की बचा जाता है। कीमती ग्रह रत्नों (मूंगा, मोती, पुखराज, नीलम, हीरा आदि। में हजारों रुपयों का खर्च करने के बजाय जातक इन टोटकों के सहारे बिना किसी खर्च के (मुफ्त में) या अत्यल्प खर्च द्वारा ग्रहों के दुष्प्रभावों से अपनी रक्षा कर सकता है।